मंगलवार को रुपए के साथ ऐसा अमंगल होगा किसी ने नहीं सोचा था. 24 घंटे पहले जिस रुपए ने 16 पैसे की तेजी दिखाकर उम्मीद जगाई थी, मंगलवार को वही रुपया 22 पैसे की गिरावट के साथ बंद हुआ. खास बात तो ये है कि रुपए में गिरावट की सबसे बड़ी वजह विदेशियों 2854 करोड़ रुपए हैं. जो उन्होंने मंगलवार को शेयर बाजार से निकाल लिए. जानकारों की माने तो आने वाले दिनों में रुपए में और गिरावट देखने को मिल सकती है. विदेशी निवेशकों का शेयर बाजार से पैसा निकालना जारी रह सकता है. जिसका असर रुपए में देखने को मिलेगा. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर रुपए को लेकर किस तरह के आंकड़े देखने को मिल रहे हैं.
रुपए में गिरावट
इंटरबैंक फॉरेन करेंसी एक्सचेंज मार्केट में में मंगलवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 22 पैसे टूटकर 85.61 पर बंद हुआ. अमेरिकी मुद्रा में मजबूती और शेयर बाजार में बिकवाली दबाव के कारण रुपये की विनिमय दर पर असर पड़ा. विदेशी मुद्रा कारोबारियों के अनुसार, वैश्विक स्तर पर अनिश्चितताओं के बीच नकारात्मक घरेलू शेयर बाजारों को देखते हुए रुपए पर दबाव रहा. निवेशक भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति घोषणाओं का इंतजार कर रहे हैं. रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) बुधवार को अपनी द्विमासिक नीति पर विचार-विमर्श शुरू करेगी. मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा छह जून को की जाएगी.
कितने पर आया रुपया
एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार बाजार में, रुपया 85.55 पर खुला और कारोबार के दौरान डॉलर के मुकाबले 85.44 के हाई और 85.63 के लोअर लेवल के बीच रहा. कारोबार के अंत में डॉलर के मुकाबले रुपया 85.61 पर बंद हुआ, जो पिछले बंद भाव से 22 पैसे की गिरावट है. सोमवार को रुपया 16 पैसे बढ़कर 85.39 पर बंद हुआ था. एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ शोध विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा कि जोखिम से बचने की भावना, अमेरिकी डॉलर में तेजी और विदेशी कोषों की निकासी के बीच भारतीय रुपए ने सोमवार की अपनी बढ़त को खो दी. पिछले पांच दिन से स्थानीय मुद्रा एक सीमित दायरे में मजबूत हो रही है. परमार ने कहा कि निकट भविष्य में, डॉलर-रुपए का हाजिर मूल्य 85.10 और 85.90 के बीच रहने की उम्मीद है.
क्यों आई रुपए में गिरावट
इस बीच, विश्व की छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर की मजबूती को मापने वाला डॉलर सूचकांक 0.45 प्रतिशत बढ़कर 99.14 पर रहा. वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा कारोबार में 1.56 प्रतिशत बढ़कर 65.64 डॉलर प्रति बैरल रहा. मिराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा कि अमेरिका और चीन के बीच व्यापार तनाव और यूक्रेन और रूस के बीच नए सिरे से भू-राजनीतिक तनाव भी घरेलू मुद्रा पर असर डाल सकते हैं. व्यापारी अमेरिका से रोजगार के अवसरों और कारखाना ऑर्डर के आंकड़ों से संकेत ले सकते हैं. घरेलू शेयर बाजार में, 30 शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 636.24 अंक गिरकर 80,737.51 अंक पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 174.10 अंक की गिरावट के साथ 24,542.50 अंक पर बंद हुआ. शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे. उन्होंने मंगलवार को शुद्ध आधार पर 2,853.83 करोड़ रुपए के शेयर बेचे.